प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय
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स्थापना 1930
मुख्यालय राजस्थान, भारत
आधिकारिक भाषा
हिन्दी, अंग्रेजी
संस्थापक
लेखराज कृपलानी (1876–1969), जो शिष्यों में ब्रह्मा बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं।
प्रमुख लोग
जानकी कृपलानी, जयंती कृपलानी
जालस्थल bkwsu.org
१९२० के दशक में दादा लेखराज
ब्रह्मकुमारियाँ
इस मूलभूत सिद्धांत का पालन करते हुए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय इन दिनों विश्व भर में धर्म को नए मानदंडों पर परिभाषित कर रहा है। जीवन की दौड़-धूप से थक चुके मनुष्य आज शांति की तलाश में इस संस्था की ओर प्रवृत्त हो रहे हैं।
यह कोई नया धर्म नहीं बल्कि विश्व में व्याप्त धर्मों के सार को आत्मसात कर उन्हें मानव कल्याण की दिशा में उपयोग करने वाली एक संस्था है। जिसकी विश्व के १३७ देशों में ८,५०० से अधिक शाखाएँ हैं। इन शाखाओं में १० लाख विद्यार्थी प्रतिदिन नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा ग्रहण करते हैं।
स्थापना
इस संस्था की स्थापना दादा लेखराज ने की, जिन्हें व आज हम प्रजापिता ब्रह्मा के नाम से जानते हैं।
दादा लेखराज अविभाजित भारत में हीरों के व्यापारी थे। वे बाल्यकाल से ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे। 60 वर्ष की आयु में उन्हें परमात्मा के सत्यस्वरूप को पहचानने की दिव्य अनुभूति हुई। उन्हें ईश्वर की सर्वोच्च सत्ता के प्रति खिंचाव महसूस हुआ। इसी काल में उन्हें ज्योति स्वरूप निराकार परमपिता शिव का साक्षात्कार हुआ। इसके बाद धीरे-धीरे उनका मन मानव कल्याण की ओर प्रवृत्त होने लगा।
उन्हें सांसारिक बंधनों से मुक्त होने और परमात्मा का मानवरूपी माध्यम बनने का निर्देश प्राप्त हुआ। उसी की प्रेरणा के फलस्वरूप सन् 1936 में उन्होंने इस विराट संगठन की छोटी-सी बुनियाद रखी। सन् 1937 में आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग की शिक्षा अनेकों तक पहुँचाने के लिए इसने एक संस्था का रूप धारण किया।
इस संस्था की स्थापना के लिए दादा लेखराज ने अपना विशाल कारोबार कलकत्ता में अपने साझेदार को सौंप दिया। फिर वे अपने जन्मस्थान हैदराबाद सिंध (वर्तमान पाकिस्तान) में लौट आए। यहाँ पर उन्होंने अपनी सारी चल-अचल संपत्ति इस संस्था के नाम कर दी। प्रारंभ में इस संस्था में केवल महिलाएँ ही थी।
बाद में दादा लेखराज को ‘प्रजापिता ब्रह्मा’ नाम दिया गया। जो लोग आध्यात्मिक शांति को पाने के लिए ‘प्रजापिता ब्रह्मा’ द्वारा उच्चारित सिद्धांतो पर चले, वे ब्रह्मकुमार और ब्रह्मकुमारी कहलाए तथा इस शैक्षणिक संस्था को ‘प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय’ नाम दिया गया।
मेडिटेशन न केवल आपके मन को शांत करता है बल्कि यह अपने आप में संपूर्ण व्यायाम है जो आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुधारता है और तनाव से छुटकारा दिलाता है। यह स्वयं को पहचानने का एक उत्तम जरिया है। लेकिन मेडिटेशन की शुरुआत करने के लिए कुछ टिप्स का पालन करना चाहिए। जैसे पहली स्टेज में सबसे पहले आपको पता होना चाहिए कि आप मेडिटेशन से क्या हासिल करना चाहते हैं? और एक शांत जगह तलाशें, जहां आप ध्यान केंद्रित कर सकें। हमेशा मेडिटेशन कुशन का प्रयोग करें, आरामदायक कपड़े पहनें। मेडिटेशन करने के लिए ऐसा समय निर्धारित करें जब आप आरामदायक स्थिति में हो। दूसरी स्टेज में ध्यान करने के लिए कमर को सीधा कर मेडिटेशन कुशन पर बैठें। अपनी सांसों पर ध्यान केद्रित करें। समस्या होने पर अपनी सांसों की गिनती करने की कोशिश करें।
Meditation in Hindi मेडिटेशन हमारे दिमाग को और विचारों को शक्ति देने का काम करता है लेकिन लोग अक्सर खुशी और मेडिटेशन के बीच का अंतर भूल जाते हैं। मेडिटेशन दिमाग को सकारात्मक तरीके से कार्य करने की शक्ति देता है जिसका सीधा संबंध प्रसन्नता से होता है। मेडिटेशन आपके दिमाग का तनाव भी कम करता है। इससे आपका दिमाग ज्यादा शांत और प्रसन्न रहता है। मेडिटेशन ध्यान लगाने का एक तरीका होता है जिसमें आपको किसी एक वस्तु पर ध्यान लगाना होता है। दिमागी रुप से प्रसन्नता पाने के लिए मेडिटेशन किया जाता है। इस लेख में आप जानेगे मेडिटेशन क्या होता है(what is Meditation), मेडिटेशन के प्रकार (Types of meditation)और मेडिटेशन करने के फायदे (Meditation Benefits in Hindi) के बारें में।
मेडिटेशन के कई प्रकार होते हैं लेकिन सभी प्रकार के मेडिटेशन करने का धीरे-धीरे संतुष्टि , एकाग्रता और प्रसन्नता प्राप्त करना ही होता है। मेडिटेशन सिर्फ आपको मानसिक रुप से प्रसन्न ही नहीं बनाता बल्कि शारीरिक रुप से भी स्वस्थ और खूबसूरत बनाता है। इस आर्टिकल में आप मेडिटेशन और उसके प्रकारों के साथ-साथ मेडिटेशन से जुड़ी कुछ अन्य बातों के बारे में जानेंगे। और साथ ही हम आपको मेडिटेशन से होने वाले लाभ के बारे में भी बताएंगें। आइए जानते हैं क्या होता है मेडिटेशन, मेडिटेशन के प्रकार और उससे होने वाले लाभ के बारे में।
मेडिटेशन एक प्रक्रिया है जिसमें किसी वस्तु विशेष पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। अक्सर इस प्रक्रिया के दौरान आंखें बंद करके मस्तिष्क के केंद्र बिंदु पर ध्यान लगाया जाता है। ऐसा करना पहले थोड़ा मुश्किल है इसलिए पहले कम समय के लिए ही ध्यान लगाने का अभ्यास किया जाता है। इस दौरान मस्तिष्क विचार शून्य हो जाता है यहीं कारण है कि मेडिटेशन मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है।
(और पढ़े – मानसिक तनाव के कारण, लक्षण एवं बचने के उपाय)
मेडिटेशन करने से तनाव कम होता है
नियमित मेडिटेशन करने से एकाग्रता बढ़ती है
मेडिटेशन आपको एक स्वस्थ जीवन प्रणाली प्रदान करता है
रोज मेडिटेशन करने से एंग्जाइटी से राहत मिलती है। (और पढ़े – मानसिक व्यग्रता (चिंता)
मेडिटेशन पुराने दर्द को कम करता है
मेडिटेशन करने से नींद अच्छी आती है।